नजाकत

नजाकत

मौसम की नजाकत है,
हसरतों ने पुकारा है,
कैसे कहे की कितना याद करते है,
यह संदेश उसी याद का एक इशारा है |
बसंत पंचमी की शुभकामनाए।

अफसोस

अफसोस

ज़माना दुश्मन होता तो टकरा जाता |
मगर अफसोस तुमने भी ,
कोई इशारा ना किया |