मौसम की नजाकत है, हसरतों ने पुकारा है, कैसे कहे की कितना याद करते है, यह संदेश उसी याद का एक इशारा है | बसंत पंचमी की शुभकामनाए।
ज़माना दुश्मन होता तो टकरा जाता | मगर अफसोस तुमने भी , कोई इशारा ना किया |